Posts

Showing posts from 2020

एक शाम की कहानी

ना कृष्ण सुदामा की ना ही मीरा मोहन की ना किसी भक्त की और ना ही भगवान की बात हर मीत की और हर उस मितान की जो कारक ही तो है ' हर मुस्कान ' की....

हम खाक से भी अंगारे जला लेते हैं कुछ खाब बुझे दिये भी जला देते हैं

हम भिड़ मे भी अलग से होते हैं वही मुट्ठी भर तो दोस्त होते हैं दोस्तों मे चांद तारों की क्या बिसात हम तो उनको भी बातों मे रखते हैं तु एक अवाज़ तो लागा के देख मुसीबत को भी ताक मे रखते है

उस लज़्ज़त को भी चख लेंगे तेरे हर गुनाह माफ भी कर देंगे कभी हमारी संगत को भी आज़मा तेरे हर गम को यूँ ही फना कर देंगे

बातों बातों मे बात छुपा रहे हो यूँ लिख लिख कर मिटा रहे हो वो बातों की बात अब बता भी दो अपनो मे फिक्र को लुटा ही दो जो कुछ हो सका हम करे ही लेंगे नही तो मन भर साथ हंस ही लेंगे

एक सुबह की तलाश