अब यार की झलक भी ज़रुरी है
मुलाकात को अरसा जो हो गया

ख्वाहिशों का पुरा होना ज़रुरी है
जब यादें तो अधुरी से बनती है...

खुशबू के लिये गुल होना ज़रुरी है
जब महक तो बातों मे भी होती है....

इश्क़..... जवानी मे हो ये ज़रुरी है
"चाहत "तो हर उम्र कि होती है..

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