इश्क़ भी अब लाइलाज सा हो गया
शिकायत भी करें तो किससे करें
हकीम भी दुआ का इशारा कर गया
और कानून फिर अन्धा ही रह गया
शिकायत भी करें तो किससे करें
हकीम भी दुआ का इशारा कर गया
और कानून फिर अन्धा ही रह गया
जो आँखें मिलाऊ खुद से तो आँखों मे पानी पाता हूँ जो मै दिल मे झांक लूँ तो खुद जिन्दा दिल हो जाता हूँ हर धड़कन के साथ साथ जीने का हौसला भर जाता हूँ
Comments
Post a Comment