ज़रा सी फुर्सत निकालो हुजूर मेरे
मुलाकात को अरसा जो हो गया...
अब बारिश की बरसती हर बूँद मे
तेरा ही चेहरे का दिदार सा हो गया...
जो आँखें मिलाऊ खुद से तो आँखों मे पानी पाता हूँ जो मै दिल मे झांक लूँ तो खुद जिन्दा दिल हो जाता हूँ हर धड़कन के साथ साथ जीने का हौसला भर जाता हूँ
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