जो आँखें मिलाऊ खुद से तो आँखों मे पानी पाता हूँ जो मै दिल मे झांक लूँ तो खुद जिन्दा दिल हो जाता हूँ हर धड़कन के साथ साथ जीने का हौसला भर जाता हूँ
वो अल्फाज़ ही क्या जो उसके दिल तक ना पहुँचे
हम तो सिर्फ आशिक ठहरे वो चाहे शायर समझे
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