तेरी गलियों के हम मुसाफिर नहीं हैं
पर मेरी हर राह का मुकाम भी वहीं हैं
पर मेरी हर राह का मुकाम भी वहीं हैं
जो आँखें मिलाऊ खुद से तो आँखों मे पानी पाता हूँ जो मै दिल मे झांक लूँ तो खुद जिन्दा दिल हो जाता हूँ हर धड़कन के साथ साथ जीने का हौसला भर जाता हूँ
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