याराना

दो यार थे
उनका याराना था

एक का अक्सर भूल जाना
उसका बहना था
दूजे का याद दिलाना
हक़ जताना था

जो साथ बैठे
तो बतियाना था
या फिर बातों मे
मुट्ठी भर जमाना था

कुछ कड़वी
कुछ बहुत कड़वी
स्वाद आज़माना था

या फिर .....
बातों बातों मे
मन को सुलझाना था

दो यार थे
कुछ उनका याराना था.......


 एक कॉफ़ी
और दो हम प्याले

कुछ लोग थे
थोड़ी भीड़ थी
 वो दो अकेले थे
आँखो का मिलना था

दिल का दौड़ना था
हाथ पे हाथ था
या पैर पे पैर
बात समझनी थी
या कुछ समझाना था

यादें पुरानी थी
जो एक ज़माना था

दो यार थे
कुछ याराना था........

एक सड़क थी
दो हमसफर थे
कहीं जाना था
मुकाम अनजाना था

राहें तो थमी थी
बस समय की कमी थी
शाम भी ढल रही थी
चांदनी खिल रही थी

काफी बातें थी
जो अनकही थी
आँखो का आमना था
तो होंठो का सामना था

दो यार थे
कुछ याराना था.....

कुछ बातें थी
वो बातें भी अधुरी थी
आखरी जो मुलाकात थी

कुछ कहना था
कुछ जताना था
बहुत कुछ बताना था

फिर मिलें ना मिलें
बस यही अफसाना था

नम आँखो मे सब छुपा के
बातें दिल की
दिल मे दफना के
फिर मिलने की अलख लगा के
अलविदा जो कहना था

सच्चे यार थे
एक प्यारा याराना था......

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