बाप

जो आया "तू" तो वो हर्षाता है
तेरा हर कदम वही तो सीखाता है
गिरते उठते जब भी लड़खड़ाता है
हर बार कहीं से "वो" ही थाम जाता है
अपने हर दर्द पे मरहम तुझे लगाता है
अपने आँसू भी तेरे गालों से पोंछ जाता है
तुझे आगे कर वही पीछे रह जाता है
मुड़ कर तो देख वही तो बाप कहलाता है

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