ए वक़्त घाव भरने का ठेका तेरा था...

ए वक़्त घाव भरने का ठेका तेरा था...
और उसको जीने का हौसला मेरा था...
कुछ तुने सिखाया तो कुछ बताया...
उसके साथ लड़ना आप ही आया...


तेरी हर ठोकर को अपना मान अपनाया.....
 तेरी उसी ठोकर ने मुझे अपना मजबूत बनाया है....

कभी रुक ज़रा कुछ हिसाब कर दें....
तुझसा चलना अब हम मिज़ाज़ कर लें..


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