हाल -ए - दिल
हाल -ए - दिल मेरा..........
उसे अक्सर अजीब लगता है
अब कैसे कहुँ उसे...........
वो धड़कन सा करीब होता है
उसे अक्सर अजीब लगता है
अब कैसे कहुँ उसे...........
वो धड़कन सा करीब होता है
जो आँखें मिलाऊ खुद से तो आँखों मे पानी पाता हूँ जो मै दिल मे झांक लूँ तो खुद जिन्दा दिल हो जाता हूँ हर धड़कन के साथ साथ जीने का हौसला भर जाता हूँ
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